Friday, November 26, 2010

जिसे देखिये वो ख़ुदा हो रहा है .....नित्यानंद `तुषार`

दोस्तो ,बड़े हर्ष का विषय है की आप  लोग बहुत मन से हमारे ब्लॉग दिल की बात से जुड़ गए हैं
भारत वर्ष  के बाद सर्वाधिक लोग इस ब्लॉग को संयुक्त राज्य  अमेरिका में देख रहे रहे हैं, पढ़ रहे हैं.ब्लॉग के स्टट्स को देखने से पता चला है कि अब ये  ब्लॉग भारत वर्ष,संयुक्त राज्य अमेरिका,ताईवान,मंगोलिया ,नीदरलैंड्स,जापान ,मॉरिशस और इंग्लैंड में भी देखा ,पढ़ा जा रहा  है
हम उन सभी प्रवासी भारतीयों का दिल की  गहराई से अभिनन्दन करते  हैं,वंदन  करते  हैं  ,जो कि अपने वतन से हज़ारों किलोमीटर दूर रहकर  भी अपने देश की  मिटटी से  और इस देश के  साहित्य से और साहित्यकारों से प्यार करते हैं, इस देश की हर चीज़ जिन्हें दुनिया  की  किसी भी प्रिय वस्तु से अधिक  प्रिय है .
 हम आपकी  देश प्रेम की भावना को  . आप जितने लोग हमारा ब्लॉग पढ़ते हैं उससे हमें इस पर आने    की  प्रेरणा तथा उर्जा मिलती है, आप सभी लोग सपरिवार  ,सदैव सुखी ,संपन्न ,स्वस्थ रहें और भारत और इसके लोगों से इसी प्रकार प्रेम  करते रहें ,  इसी कामना के  साथ आज आपसे    विदा लेते हैं पर   आपके लिये अपनी  एक ग़ज़ल भी पेश कर रहे हैं ,इस ग़ज़ल का आनंद लीजिये ,धन्यवाद.

ग़ज़ल

ज़रा देखिये आज क्या हो रहा है
जिसे देखिये वो ख़ुदा  हो रहा है

नई सभ्यता की जहाँ रौशनी है
वहाँ पर  अँधेरा घना हो रहा है

जिधर देखता हूँ उधर आदमी हैं
मगर आदमी लापता हो रहा है

मेरे .काफ़िले का मुक़ददर है कैसा
मेरे रहनुमा को नशा हो रहा है

इसे शहर कहना `तुषार` इक वहम है
ये चेहरों का जंगल हरा हो रहा है

आपका
नित्यानंद `तुषार`
e mail ntushar63@gmail.com
फ़ोन  9968046643

3 comments:

Sunil Kumar said...

मेरे .काफ़िले का मुक़ददर है कैसा
मेरे रहनुमा को नशा हो रहा है
शेर बहुत खुबसूरत बधाई

Deepak Saini said...

very good
खुबसूरत शेर
बधाई

केवल राम said...

जिधर देखता हूँ उधर आदमी हैं
मगर आदमी लापता हो रहा है
बहुत खूब ...सुंदर अभिव्यक्ति ...शुभकामनायें
चलते -चलते पर आपका स्वागत है