दोस्तो
आप कैसे हैं,
कैसी लगी शुरुआत .
आज आपको अपने बारे में कुछ बताने जा रहा हूँ .
ज़िन्दगी में कई मुश्किल दौर आये ,लेकिन कभी जल्दी और कभी देर से वो सब दौर ख़त्म हो गए .
मैंने बस इतना किया कि ख़ुद पर भरोसा रख कर हालात का हिम्मत के साथ सामना किया .
आपसे ये कहना चाहता हूँ कि कोई भी चीज़ स्थाई नहीं है ,न सुख और न दुःख .
मुझे अपनी एक ग़ज़ल कि दो पंक्तियाँ याद आ रहीं हैं ,आपके लिये उन्हें लिख रहा हूँ ,
सुख में मत इतराना तुम
दुःख में मत घबराना तुम
मुश्किलों की आँधी आती है , आकर चली जाती है , हमें इस आँधी में उड़ना नहीं है ,मजबूत इरादों के साथ पूरी ताक़त से डटे रहना है .
.
हम वहीँ जाने के लिये द्रढ़ प्रतिज्ञ रहे जहाँ हमे जाना है और जहाँ जाना उचित है ,मुनासिब है .
अपने ग़ज़ल संग्रह
`सितम की उम्र छोटी है `
( जिसे हज़ारों पाठकों ने ख़रीदा है और जो ग़ज़लों की पुस्तकों में बिक्री के मामले में अभी दूसरे नंबर पर है ,और जिसके चार संस्करण निकल चुके हैं )
की एक ग़ज़ल की ये पंक्तियाँ आपके साथ शेयर करने का मन हो रहा है .
जिस तरफ भी सोच लेता हूँ उधर जाता हूँ में
में शजर की शाख से टूटा हुआ पत्ता नहीं
में मानता हूँ की शजर का अर्थ पेड़ होता है आप ये जानते हैं .
जो बात शे`र में आई है , मैंने ख़ुद को वैसा ही बनाए रखने की कोशिश की है , और कुछ समय के बाद ईश्वर ने भी इसमें मेरी मदद की है .
मेरा ये मानना है कि हम जैसा बनना चहाते हैं हम वैसे ही बन जाते हैं ,शायद आप भी इस से सहमत होंगे .
अब फिर जल्द ही मुलाक़ात होगी ,तब तक के लिये विदा , आपने मुझे अपना क़ीमती समय दिया इसके लिये आपको हार्दिक धन्यवाद .
आपका
नित्यानंद `तुषार `
e mail ntushar63@gmail.com
For Kavi Sammelan,Mushayera, Solo Show (Ekal Kavy Pathh) Of Poet, Er.NITYANAND `TUSHAR`, Please Contact.At, ghazalmagic@gmail.com, +91 9958130425. Thanks and Regards.
Saturday, October 9, 2010
Friday, October 8, 2010
shuruaat
आज आपसे पहली बार इस ब्लॉग पर मुलाक़ात हो रही है.
मेरी कोशिश रहेगी कि तमाम व्यस्तताओं के बावजूद इस ब्लॉग पर आऊं .
अभी राय क़ायम न करिए कोई भी
अभी मुझको देखा है समझा नहीं है
आपका
नित्यानंद `तुषार``
मेरी कोशिश रहेगी कि तमाम व्यस्तताओं के बावजूद इस ब्लॉग पर आऊं .
अभी राय क़ायम न करिए कोई भी
अभी मुझको देखा है समझा नहीं है
आपका
नित्यानंद `तुषार``
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