आँखों -आँखों में तू अब प्रेम कहानी लिख दे
अपने होंठों से तू होंठों पे निशानी लिख दे
कितनी रातों को मैं जागा हूँ तेरी चाहत में
मेरी क़िस्मत में कोई रात सुहानी लिख दे
कैसी ख़ुशबू है `तुषार` उसमें कशिश कितनी है
कैसी ख़ुशबू है `तुषार` उसमें कशिश कितनी है
कोई देखे जो उसे, रात की रानी लिख दे - - नित्यानंद `तुषार`
yash