आज आपके लिए अपनी वो ग़ज़ल प्रस्तुत कर रहे हैं जो कि इंडिया न्यूज़ ३१ अक्टूबर से ०६ नवम्बर के अंक में प्रकाशित हुई थी ,और जिसे काफ़ी लोगों ने पसंद भी किया था , आशा है आपको भी पसंद आएगी.
ग़ज़ल
दिल में हलचल मचा गया कोई
मुझको पागल बना गया कोई
कितने सपने क़रीब आए हैं
मेरी आँखें सजा गया कोई
सिर्फ़ वो ही नज़र में रहता है
मेरी आँखों में आ गया कोई
उससे बाहर निकल नहीं पाता
मेरे ज़ेहन पे छा गया कोई
उससे पहले उदास रहता था
मुझको जीना सिखा गया कोई
कितनी जल्दी मिली है मंज़िल , फिर
मुझको , रस्ता बता गया कोई
उसकी बातें लबों पे सजतीं हैं
मेरे दिल में समा गया कोई
................................... नित्यानंद `तुषार` - M 9968046643
1 comment:
उसकी बातें लबों पे सजतीं हैं,
मेरे दिल में समा गया कोई !!
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अत्यंत सुन्दर रचना !!
बधाई स्वीकार करें !!
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