Tuesday, February 1, 2011

आप इसे क्या कहोगे

 आप इसे क्या कहोगे
       मेरी ये ग़ज़ल मेरे ग़ज़ल संग्रह सितम कि उम्र छोटी है में प्रकाशित हुई थी .ये संग्रह १९९६ में प्रकाशित हुआ था
संग्रह बहुत पसंद किया  गया ,हज़ारों कापियां बिकीं, चार बार छप चुका है और अब पांचवी  बार छप कर आएगा 
दुष्यंत कुमार जी के संग्रह साए में धूप के बाद पाचवीं बार छपने वाला संभवतया ये पहला संग्रह है ,
पाठकों के इस सहयोग के लिये सभी क़ा धन्यवाद
.इस  संग्रह  की  पहली  ग़ज़ल  के  कुछ  शे`र  नीचे  दे  रहा  हूँ  
मेरा अपना तजुर्बा है ,इसे सबको बता देना
हिदायत से तो अच्छा है किसी को मशवरा देना
अभी हम हैं हमारे बाद भी होगी हमारी बात,
कभी मुमकिन नहीं होता  किसी को भी मिटा देना
मेरी हर बात पर कुछ देर तो वो चुप ही रहता है ,
मुझे मुश्किल में रखता है फिर उसका मुस्कुरा देना - नित्यानंद `तुषार`
अब आपको एक सूचना दे रहा हूँ कि मोस्ट पोपुलर , यूथ पोएट ,सेलेब्रिटी पोएट कहे जाने वाले ,एक कवि?ने iit खरगपुर के स्प्रिग्फेस्ट नामक कार्यक्रम के कवि सम्मेलन में ये रचना पढ़ीअपनी नई रचना बताते हुए
मेरा अपना तजुर्बा है ,तुम्हे बतला रहा हूँ में 
कोई लब छू गया था तब के अब तक गा रहा हूँ में
 आप पहले ये रचना पढ़ ले और फिर उसी रचना को उन्ही कवि?के मुख से अपनी बताते हुए सुन लें  और फिर आप लोग बताएं कि ये क्या है और मुझे अब क्या करना चाहिए
आप लोग you tube पर spring fest 2011 डालकर search करें और पार्ट 6 में मेरा अपना तजुर्बा सुन लें और हक़ीक़त से रूबरू हों .

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