Tuesday, February 1, 2011

मौलिकता क़ा मोल नहीं है , चोर यहाँ सम्मानित हैं - नित्यानंद `तुषार`

खुद को सेलेब्रिटी कहलवाने वाले   कवि? ने हमारी  ग़ज़ल की पंक्ति
मेरा अपना तजुर्बा....को अपनी रचना बताते हुए iit kharagpur  के spring fest  2011 में आयोजित ,कवि सम्मेलन में गाया
you tube पर  spring fest 2011 सर्च  कर  आप  ऐसा  होते  हुए  देख  सकते  हैं , हमें  अपने एक गीत की कुछ पंक्तियाँ अचानक याद आ गईं हैं जिन्हें हम आपके लिये प्रस्तुत कर रहे हैं

मौलिकता    क़ा  मोल  नहीं  है , चोर  यहाँ  सम्मानित  हैं
 बुद्धि ,पतिभा ,मेधा ,  कौशल ये सब तो अपमानित हैं
कवि ,  लेखक अब हतप्रभ हैं ,आज सृजन  खतरे में है
उठो जवानो जागो     तुम ,आज      वतन खतरे में है

काश्मीर में    आग लगी    है ,       गौहाटी     थर्राई है
मुंबई    में विस्फोट   हुए     हैं ,दिल्ली   भी घबराई है
देवदार ,सागौन    जले   ,आज    पवन   खतरे    में है
उठो जवानो जागो तुम , आज वतन      खतरे में है -  नित्यानंद `तुषार`

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