Sunday, September 30, 2012

तुझसे बिछड़ के मैं जिंदा नहीं गया ,ग़म साथ थे मेरे ,तन्हा नहीं गया - -नित्यानंद `तुषार`

तुझसे बिछड़ के मैं जिंदा नहीं गया
ग़म साथ थे मेरे ,तन्हा नहीं गया

ख़त भी नहीं लिखे ,ढूंढा नहीं तुझे
पर होंठों से तेरा, क़िस्सा नहीं गया

उस दिन के बाद से, तुझसे नहीं मिले
पर आँखों से तेरा, चेहरा नहीं गया

तेरी हँसी हमें , तेरा बना गई

क्या आज भी तेरा , हँसना नहीं गया

तुझको भी क्या कभी, हम याद आए हैं ?
क्या रात में तेरा , जगना नहीं गया - -नित्यानंद `तुषार`

+91 9927800787

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