Friday, January 28, 2011

जो शख्स मंच पर जाने लायक ही नहीं है उसे मंच क़ा संचालन करने देते हैं

fb पर एक मित्र ने मुझे आज, कल(29 .1 .2011  ) को the clleradges  होटल सूरजकुंड एन सी आर ,दिल्ली, में होने वाले कवि सम्मेलन में मुझे निमंत्रित  किये जाने पर बधाई दी और उन्होंने ख़ुद अपने लिये ये भी लिखा की छोटा मोटा कवि तो में भी हूँ इस पर मैंने जो उत्तर लिखा उसे आप लोगों के समक्ष भी रख रहा हूँ
@मनोज जी बधाई के लिये धन्यवाद .
कोई छोटा नहीं है , कोई बड़ा नहीं है , आज जिसको बड़ा या मोस्ट पोपुलर प्रचारित किया जा रहा है वो कविता से नावाकिफ़ है ,ग़ज़ल भी नहीं जानते , पर दुबई ,और न जाने कहाँ - कहाँ जाकर हिंदुस्तान क़ा प्रतिनिधित्व भी कर आते हैं ,(इसमें हिंदुस्तान की  कविता और कवियों कि कितनी बेज्ज़ती होती है इस पर अभी कम लोगों क़ा ही ध्यान है),,वही हिंदी के तथाकथित कवि ?,जो चार पंक्ति कि कविता की  तीन तुकें भी ठीक से नहीं मिला पाते हैं और उसी अशुद्ध कविता को बहुत मगरुर होकर पढ़ते हैं.ग़ज़ल के ग़लत काफिये मिलाते हैं ,ग़ज़ल की एक भी शर्त  नहीं जानते और फिर भी वो मुशायरे में न केवल पहुँचते हैं बल्कि अकड़कर बैठते हैं.इसमें उनकी खता नहीं है ,ये खता तो उन्हें बुलाने वालों की है कि जो शख्स मंच पर जाने लायक ही नहीं है उसे मंच क़ा संचालन करने देते हैं और उसकी बकवास सुनते हैं .उन्हें भी जब बड़ा , ग्रेट , सेलेब्रिटी ,और न जाने क्या - क्या उनकी मार्केटिंग टीम द्वारा कहा और लिखा जा रहा हैऔर ऐसे ही प्रचार से भ्रमित होकर students भेड़ चाल  की तरह fan भी बन जाते हैं  तो ऐसे आलम में क्या छोटा और क्या बड़ा . आशा है आप अब मेरी बात समझ गए होंगे
आप सभी के लिये मेरा एक शेर
आप सबसे मिला जुला करिए
कोई छोटा बड़ा नहीं  होता
फिर मिलेंगे ..

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