जो आदमी अपनी चार लाइन की कविता? की तीन तुक भी ठीक से नहीं मिला सकता उस आदमी की जगह क्या टीवी चैनल पर विशिष्ट कवि के रूप में होनी चाहिए.
.उसी कवि ? को देश क़ा एक बड़ा समाचार पत्र भारतीय कवि के रूप में प्रतिनिधित्व करने के लिये एक दूसरे देश में भेजे या वो कवि वेशधारी तुक्कड़ ही ऐसा कराने में कामयाब हो जाये तो ...क्या ये भारतीय कविता और वास्तविक कवियों का अपमान नहीं है
.उसी कवि ? को देश क़ा एक बड़ा समाचार पत्र भारतीय कवि के रूप में प्रतिनिधित्व करने के लिये एक दूसरे देश में भेजे या वो कवि वेशधारी तुक्कड़ ही ऐसा कराने में कामयाब हो जाये तो ...क्या ये भारतीय कविता और वास्तविक कवियों का अपमान नहीं है
तुम्हें खूबसूरत नज़र आ रहीं हैं
ये राहें तबाही के घर जा रहीं हैं - नित्यानंद `तुषार`
2 comments:
अंधेर नगरी चोपट राजा
टका शेर भाजी, टका शेर खाजा
तुषार साहेब आप बिल्कुल दुरुस्त फरमा रहे है.....
शीन काफ़ निजाम साहेब का एक शेर है....
उनको मुबारक सुल्तानी अदब कि,
मुझको तो इसकी दरबानी बहुत है....
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