Thursday, March 14, 2013

मैं मर- मर के भी जी लूँगा,मुझे अभ्यास है इसका - - नित्यानंद `तुषार`

मेरी परवा नहीं तुमको, मुझे एहसास है इसका
मुझे इगनोर कर दोगी,मुझे आभास है इसका
मेरी आँखों को तुमने आँसुओं से भर दिया है अब
मैं मर- मर के भी जी लूँगा,मुझे अभ्यास है इसका - - नित्यानंद `तुषार`