Thursday, December 6, 2012

क़लम को सर कलम होने का कोई डर नहीं होता - - नित्यानंद `तुषार`

आज आपके लिए ख़ास तौर पर अपना एक शे`र प्रस्तुत कर रहे हैं - -

उसे जो लिखना होता है,वही वो लिख के रहती है
क़लम को सर कलम होने का कोई डर नहीं होता - - नित्यानंद `तुषार`

नोट - जो लोग क़लम को पुर्लिंग समझते हैं वो इस शे`र को यूँ पढने का कष्ट करें.

उसे जो लिखना होता है, वही वो लिख के रहता है
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क़लम को सर कलम होने का कोई डर नहीं होता - - नित्यानंद `तुषार`

+91 9927800787.

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